तीज
याद तो घर की आज बहुत आयी वो सावन का फूलों से सजा झूला
वो हाथों मे मेहंदी की खुशबू
हाथों मे सजी कांच की हरी चूड़ियाँ
वो घेबर और गुलगुलो का स्वाद
माँ की आज आती है बहुत याद
बचपन हर त्यौहार को उलास से मनाता है
यॊवन मे उल्लास उसका और बड जाता है
फिर एहसास जिम्मेदारी का उसे थोड़ा घटाता
पर बेटी के आने से खुशियों का मौसम फिर आता है
आज मैंने अपनी बेटी मैं खुद को फिर से पा लिया है
उसके साथ अपना बचपन फिर पा लिया है
बहुत ख़ूबसूरत तोहफा भगवान का बेटी है
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