वो मुस्कुरा कर हर ज़ख्म खुशी से पी जाते है
जो भीगी हुयी पलकें सबसे छुपाती है
वो जो दोनों बाहें फैला कर अपनी हर ख़ुशी बाँट जाती है
यही वो जीनत है खुदा की जो औरत कह लाती है
जो भीगी हुयी पलकें सबसे छुपाती है
वो जो दोनों बाहें फैला कर अपनी हर ख़ुशी बाँट जाती है
यही वो जीनत है खुदा की जो औरत कह लाती है
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home