राजनीती और सफ़ेद रंग कब इसे छोड़ेगा
राजनीती और सफ़ेद रंग का बहुत गहरा रिश्ता है आज हर पार्टी सफ़ेद रंग को अपनी शान समझती है दुसरे के उसी सफ़ेद रंग पर कीचड उछालना अपना फ़र्ज़ उन्हे पता है जनता उनके आपस के झगड़े मैं उलझी रहगी हमें चटखारे मरने के लिए चटपटी खबरें पसंद हैं और उसको हमारी इसी मानसिकता का फायदा उठा कर वोट मिलते हैं ,जितना प्रचार यह एक दुसरे के छवि को मैला करने मे लगती है उतना काम अगर अपने अपने छेत्र में कर लें तो शायद वोट के लिए इनती मेहनत करने से भी बच जायें पर नहीं इनका दामन सफ़ेद और दुसरे पर कीचड जरूर उछालेंगे पर यह हम जनता को कब समझ आयेगा यह हमें चुना लगा रहे है आपस मैं यह सब एक ही हैं फैसला हमें करना है क्या सही क्या गलत बाद मैं रोने से अच्छा है जाग जाना और सही चुनाव करना
हम खुद ज़िम्मेदार हैं अपने हालात के लिए फिर सरकार के नाम पर पार्टी केनाम पर क्यों रोते हैं अगर पार्टी के जगह अच्छे प्रित्याशी क्यों नहीं चुनते जब तक इनका वर्चस्ब समाप्त नहीं किया जाएगा यह यु ही राज करती रहेंगी आजकल दो हे बिज़नस सफल है राजनीती और आस्था की दूकान वाकी सब बहुत पीछे रह गए
राजनीती और सफ़ेद रंग का बहुत गहरा रिश्ता है आज हर पार्टी सफ़ेद रंग को अपनी शान समझती है दुसरे के उसी सफ़ेद रंग पर कीचड उछालना अपना फ़र्ज़ उन्हे पता है जनता उनके आपस के झगड़े मैं उलझी रहगी हमें चटखारे मरने के लिए चटपटी खबरें पसंद हैं और उसको हमारी इसी मानसिकता का फायदा उठा कर वोट मिलते हैं ,जितना प्रचार यह एक दुसरे के छवि को मैला करने मे लगती है उतना काम अगर अपने अपने छेत्र में कर लें तो शायद वोट के लिए इनती मेहनत करने से भी बच जायें पर नहीं इनका दामन सफ़ेद और दुसरे पर कीचड जरूर उछालेंगे पर यह हम जनता को कब समझ आयेगा यह हमें चुना लगा रहे है आपस मैं यह सब एक ही हैं फैसला हमें करना है क्या सही क्या गलत बाद मैं रोने से अच्छा है जाग जाना और सही चुनाव करना
हम खुद ज़िम्मेदार हैं अपने हालात के लिए फिर सरकार के नाम पर पार्टी केनाम पर क्यों रोते हैं अगर पार्टी के जगह अच्छे प्रित्याशी क्यों नहीं चुनते जब तक इनका वर्चस्ब समाप्त नहीं किया जाएगा यह यु ही राज करती रहेंगी आजकल दो हे बिज़नस सफल है राजनीती और आस्था की दूकान वाकी सब बहुत पीछे रह गए
0 Comments:
Post a Comment
Subscribe to Post Comments [Atom]
<< Home