तनहा रहे हैं हम अक्सर भीड़ मैं भी
तुम्हे तलाशा हमने अक्सर खुद मैं भी
तू मुझमें हे कही रहता था
आज बंज़र हुआ है दिल किसी बीराने के तरहां
लोग आकर चले जाते हैं
आँखों मैं सिर्फ तेरे हे तलाश रहती है
मेरा वजूद था तू ,मेरा अस्तिव्य तुमसे था
आज मैं खुद को हे खुद मैं तलाशती हूँ
इंतज़ार कल भी था और आज भी है
तुम्हे तलाशा हमने अक्सर खुद मैं भी
तू मुझमें हे कही रहता था
आज बंज़र हुआ है दिल किसी बीराने के तरहां
लोग आकर चले जाते हैं
आँखों मैं सिर्फ तेरे हे तलाश रहती है
मेरा वजूद था तू ,मेरा अस्तिव्य तुमसे था
आज मैं खुद को हे खुद मैं तलाशती हूँ
इंतज़ार कल भी था और आज भी है
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